मदनसींग भी चला गया कश्मीर!
हसमुख ने....मदनसींग, जो उसकी पत्नी कोकिला का भूतपूर्व प्रेमी है....उसे कश्मीर न जाने किस काम से भेजा है!.....कश्मीर की लोकेशंस पर बहुत सी फिल्में बनी है!...मदन और कोकिला की छबी कुछ ऐसी नजर के सामने आ रही है....फिल्म 'कश्मीर की कली' के नायक और नायिका की तरह!
बेशक फोटो...गूगल से साभार ली गई है!......
उपन्यास 'कोकिला....' सराहा जा रहा है!....आगे की कड़ियाँ जल्दी जल्दी लिखने के लिए कई मित्रों की तरफ से कहा जा रहा है!...लेकिन सहज पके सो मीठा!...मेरी कलम अपनी मध्यम गति के साथ ही प्रयाण कर रही है!...बहुत अच्छा लग रहा है कि मैं अकेली नहीं हूँ...मेरे साथ काफिला चल रहा है!....अगर काफिले साथ जुड कर आप भी मौज-मस्ती के साथ चलना चाहें, तो चले आइए!
लिंक आप के सामने है!
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/mujhekuchhkehnahai/entry/18-%E0%A4%95-%E0%A4%95-%E0%A4%B2-%E0%A4%9C-%E0%A4%AC%E0%A4%A8-%E0%A4%97%E0%A4%88-%E0%A4%95-%E0%A4%B2-%E0%A4%A8-%E0%A4%89%E0%A4%AA%E0%A4%A8-%E0%A4%AF-%E0%A4%B8
13 comments:
बहुत उम्दा प्रस्तुति!
धन्यवाद डॉ.शास्त्री जी!...आप का आना बहुत अच्छा लगा!
शबाब पर पहुँच गई है अब कथा .हंसमुख ने जैसा बोया वैसा ही काट रहा है .मदन सिंह अपनी ढाल चल रहा है .पैसा पैसा और पैसा .
मन की लगाम से संचालित होने वाला रोबोट
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
हंस मुख का रोबोट बन चुका है मदन सिंह इसीलिए कश्मीर पहुंचा है .लेकिन जल्दी ही अपना माथा भी पीटेगा .
धन्यवाद वीरू भाई जी!....आप का कोमेंट मन में आगे लिखने की प्रेरणा भर देता है!...आभार!
...उन्नीसवां पन्ना 'मेरी माला,मेरे मोती..' ब्लॉग पर पेश है!
सुंदर प्रस्तुति
वाह ...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
सही कहा आपने -हम अकेले ही चले थे ,जानिबे मंजिल
लोग मिलते गए ,कारवाँ बढ़ता गया .
मदन और कोकिला किस हाल में मिलते हैं जानने के लिए पढ़िए भालिये उपन्यास का १९ वां पन्ना .
कृपया यहाँ भी पधारें -
रक्त तांत्रिक गांधिक आकर्षण है यह ,मामूली नशा नहीं
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
आरोग्य की खिड़की
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/04/blog-post_992.html
बढ़िया प्रस्तुति!
बहुत खूब
बहुत सुंदर प्रस्तुती .....
very appealing..
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