Monday, 19 March 2012

उपन्यास का तीसरा पन्ना!





उपन्यास का तीसरा पन्ना...




उपन्यास बढ़ रहा है आगे आगे....

'कोकिला!...जो बन गई क्लोन'...अरे वाह!

आज आए है जानकारी में...

कोकिला के पति हसमुख भाई शाह!



बैठे है सामने वे डॉक्टर तेजेन्द्र के....

सुना रहे अपनी बीमारी की राम कथा....

पर तेजेन्द्र ने जब पूछा....

'कैसी है मेरी कोकिला?'

उसी क्षण से बढ़ गई हसमुख भाई की व्यथा...


कोकिला का जन्म दिन जब....

तेजेन्द्र ने 6 मार्च बतलाया....

'नहीं!...डॉक्टर!...नहीं'...कहते हुए...

हसमुख जी का जी घबराया....


आपकी पत्नी के बारे में

जब पर पुरुष अधिक जानता हो...

चिंता से ग्रस्त तो होगा ही वह पति....

चाहे कितना भी पुख्ता हो....


कहानी ऐसे ही मनोरंजक ढंग से....

आगे बढ़ती जा रही है....

आगे खुलने वाली परतों में भी....

अजब-गजब की जानकारियाँ....

लौट-ऑफ छिपी हुई है!



( फोटो गूगल से साभार ली हुई है!)













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