उपन्यास का चौथा पन्ना.....
कोकिला के पति हसमुख जी....
न जाने क्यों परेशान है...
डॉ. तेजेन्द्र की बे-सिर पैर की...
बातों से हैरान है....
वैसे तो ये है गुजराती रसिया...
मोटे सेठ है...धनवान है!
कोकिला की चिंता भी इन्हें है....
न जाने क्यों...वह अब तक जवान है!
उससे प्यार भी करते है....
टूट के चाहते है उसे.....
उनके लिए तो वह जान है!
पर विश्वास नहीं ये करते किसी पर....
पत्नी हो या...हो ड्राइवर....
बेचारे शक्की है....नादान है!
जवान बेटा भावेश भी ...
नालायक है इनके लिए....
जैसे कि दुनिया में इनके जैसा कोई नहीं...
यही अकेले....पहुंचे हुए...महान है!
नीचे दिए गए लिंक पर चले जाइए....
हर तीसरे दिन खुलेगा नया पन्ना....
उपन्यास दिया जा रहा है यहाँ....
शौक से पढते जाइए...
यह काम बहुत ही आसान है!
कोकिला के पति हसमुख जी....
न जाने क्यों परेशान है...
डॉ. तेजेन्द्र की बे-सिर पैर की...
बातों से हैरान है....
वैसे तो ये है गुजराती रसिया...
मोटे सेठ है...धनवान है!
कोकिला की चिंता भी इन्हें है....
न जाने क्यों...वह अब तक जवान है!
उससे प्यार भी करते है....
टूट के चाहते है उसे.....
उनके लिए तो वह जान है!
पर विश्वास नहीं ये करते किसी पर....
पत्नी हो या...हो ड्राइवर....
बेचारे शक्की है....नादान है!
जवान बेटा भावेश भी ...
नालायक है इनके लिए....
जैसे कि दुनिया में इनके जैसा कोई नहीं...
यही अकेले....पहुंचे हुए...महान है!
नीचे दिए गए लिंक पर चले जाइए....
हर तीसरे दिन खुलेगा नया पन्ना....
उपन्यास दिया जा रहा है यहाँ....
शौक से पढते जाइए...
यह काम बहुत ही आसान है!
( फोटो गूगल से साभार ली गई है!)
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/mujhekuchhkehnahai/entry/%E0%A4%95-%E0%A4%95-%E0%A4%B2-%E0%A4%9C-%E0%A4%AC%E0%A4%A8-%E0%A4%97%E0%A4%88-%E0%A4%95-%E0%A4%B2-%E0%A4%A8-%E0%A4%89%E0%A4%AA%E0%A4%A8-%E0%A4%AF-%E0%A4%B81
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8 comments:
दिलचस्पी पैदा करती प्रस्तुति उपन्यास को पढने के लिए उकसाती सी .आभार .
अब तो उपन्यास पढ़ने की चाह जग गई है!
इस उपन्यास के शीर्षक से लगता है मानो इसके मुख पृष्ठ पे लिखा हो स्वागतम .माननीया आपकी द्रुत टिपण्णी लेखन की आंच बन आती है .शुक्रिया .
लाजवाब!
bahut sundar sanyojan
the book looks good and very interesting
padhna hi parega........:)
दिलचस्प .आभार ब्लॉग विज़िट के लिए .
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