उपन्यास 'कोकिला...' आगे बढ़ रहा है!
....यह उपन्यास पूर्व प्रकाशित नहीं है!...इस उपन्यास की खरीदारी के बारे में जानने के लिए मुझे कुछ इ-मेल प्राप्त हुए है!...उन्हें मैंने अलग से जवाब भेजा है!
...सभी की जानकारी के लिए यह बताना आवश्यक है कि यह उपन्यास nbt..(नवभारत-टाइम्स) के मेरे ब्लॉग 'मुझे कुछ कहना है' ...पर से ही ऑन-लाइन प्रकाशित किया जा रहा है!...यहीं इसे पढ़ा जा सकता है!...फेसबुक पर भी इसका लिंक दिया जा रहा है!
आज के सोलहवे पन्ने का लिंक है......
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/mujhekuchhkehnahai/entry/16-%E0%A4%95-%E0%A4%95-%E0%A4%B2-%E0%A4%9C-%E0%A4%AC%E0%A4%A8-%E0%A4%97%E0%A4%88-%E0%A4%95-%E0%A4%B2-%E0%A4%A8-%E0%A4%89%E0%A4%AA%E0%A4%A8-%E0%A4%AF-%E0%A4%B8
....यह उपन्यास पूर्व प्रकाशित नहीं है!...इस उपन्यास की खरीदारी के बारे में जानने के लिए मुझे कुछ इ-मेल प्राप्त हुए है!...उन्हें मैंने अलग से जवाब भेजा है!
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4 comments:
'कोकिला जो बन गई क्लोन' अब तेज़ी से विज्ञान गल्प के तत्वों को समेटने लगा है .मदन सिंह की दस्तक भी कुछ न कुछ गुल खिलायेगी ही .आखिर हंसमुख चैन से कैसे बैठ सकता है .है तो वह भी ब्लेक मेलर खल नायक जो ज़बरिया नायक का लबादा पहने है .
poora padunga milne par.....
filhaal shubhkamnaen evm sadhuwaad
अभी लिंक पर जाती हूँ. शुभकामनयें.
सत्रहवें पन्ने का इतजार .जी शुक्रिया आपके टिपियाने का इस तरह आने का .
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