कोकिला... जो बन गई क्लोन!
...यह मेरा एक नया उपन्यास है !....मुझे अत्यंत खुशी हो रही है कि इसे नवभारत टाइम्स के सहयोग से क्रमश: प्रकाशित किया जा रहा है !....इंग्लिश साहित्य की महंगी किताबों के खरीदार भारत में बड़ी संख्या में मिल जाते है .....यहाँ तक कि मूलत: इंग्लिश में लिखी गई हिन्दी या अन्य भाषाओं में अनुवादित किताबों को भी लोग बाग़ सिर आँखों पर उठा लेते है ....लेकिन भारतीय भाषा के लेखकों को अपना साहित्य पाठकों के सामने रखने में अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है!....लेखक किताबों को महंगे दामों पर प्रकाशित तो करवा सकते है ...लेकिन बाजार में इनकी मांग बहुत कम होने की वजह से निराशा ही हाथ लगती है!....हर लेखक की दिली इच्छा यही होती है कि उसकी रचना जन जन तक पहुंचे!....याने कि पाठक बड़ी संख्या में मिले!.....
.....नवभारत टाइम्स जैसे हिन्दी के प्रसिद्द अखबार द्वारा ही यह संभव है कि पाठक बड़ी संख्या में उपलब्ध हो!....यहाँ मैं नवभारत टाइम्स ग्रुप और नवभारत टाइम्स के ब्लॉग सम्पादक श्री. विवेक कुमार जी की तहे दिल से आभारी हूँ!...मेरा उपन्यास आप नीचे दी गई लिंक पर क्लीक कर के पढ़ सकते है!.....
4 comments:
Bahut,bahut mubarak ho!
बहुत बढ़िया!
बधाई हो!
मोहतरमा डॉ अरुणा कपूर जी ,मेमसाहिबा , इसके बाबत आज नवभारत आन लाइन में भी पढ़ा .बधाई ब्लॉग जगत को आपको ,हम भी गौरवानित हुए ,आप हमारे ब्लॉग पर आवाजाही रखतीं हैं हमारे लिए अति हर्ष का विषय है .
बधाई स्वीकारें।
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